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संध्या-बेला सन्देश

भगवान श्रीकृष्णजी ने इस जगत को दुखालय नाम से सम्बोधित किया है। इसीलिए संसार की तुलना सागर से भी की जाती है, क्योंकि सागर में लहरें उठती-गिरती रहती हैं, उसी तरह सँसार में भी हमारे-आपके जीवन में दुख रुपी लहरें आती-जाती रहती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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