कलयुग में प्राय ऐसा देखा गया है कि एक साधारण मनुष्य के जीवन में सत्संग के अभाव में तन, मन व वाणी के स्तर पर हिंसात्मक प्रवृत्तियां कम-अघिक मात्रा में पाई जाती हैं। इसीलिये हम सभी मनुष्यों को अपने जीवन में दया-प्रेम जैसे गुण स्वभाव में लाने के लिए सदा सत्संग करते रहना होगा.....सुधीर भाटिया फकीर
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