आरंभ से ही सभी शास्त्रों में शब्दों को कुछ इस प्रकार से रचा गया कि प्रत्येक शब्द के भीतर में ही अर्थ छिपा दिया गया, ताकि हमें शिक्षा-संदेश मिले, जैसे विषयों में यानी भोगों को मर्यादा से अधिक भोगने से विष/जहर/दुख की प्राप्ति होती है.....सुधीर भाटिया फकीर
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