हम मनुष्यों की आध्यात्मिक यात्रा उस दिन आरंभ होती है, जिस दिन हम परमात्मा से मांगना बन्द कर देते हैं। फिर ऐसे मनुष्य वर्तमान जीवन में मिली हुई सभी अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रसन्न रहते हुए अपने कर्तव्य कर्मों को भी ईमानदारी से निभाते हैं और परमात्मा का भी सदा शुक्राना ही करते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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