हम सभी मनुष्यों को ह्रदय से मृत्यु को स्वीकार करना ही होगा, तभी हम निष्काम भाव से कर्म करने को प्रेरित होंगे, जो हमारी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करते हैं यानी हमारी विवेक-शक्ति जागृत कर परमात्मा का ज्ञान-विज्ञान समझाते हैं, ताकि हमारी परमात्मा से प्रीती हो.....सुधीर भाटिया फकीर
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