भगवान का कर्मफल सिद्धान्त हम सभी जीवों पर लागू होता हैं, जिसके अनुसार कोई भी जीवात्मा केवल अपने मनुष्य योनि में ही किए गए कर्मों का फल खा/भोग सकता है, यदि कोई मनुष्य अन्य किसी जीव का हिस्सा खाता है, तो प्रकृति रुपी अदालत उसे दंड दिए बिना नहीं छोड़ती.....सुधीर भाटिया फकीर
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