इस संसार में अधिकांश मनुष्य +60 हो जाने के बाद आज नहीं तो कल स्वीकार कर ही लेते हैं कि संसार के चक्रव्यूह में घुसना तो बहुत आसान है, पर इस चक्रव्यूह से निकल पाना लगभग असंभव है, लेकिन जीवन में निरन्तर सत्संग करते रहने से असंभव ही सम्भव बन जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर
Comments
Post a Comment