Skip to main content

संध्या-बेला सन्देश

शास्त्रों में परमात्मा को परमचेतन और जीव को चेतन कहा गया है अर्थात् दोनों में सजातीय संबंध है। सभी आत्माएं परमात्मा का ही अंश मानी जाती हैं। इसीलिए जीव जन्म से ही परम सुख यानी आनन्द चाहता है, दुख कोई नहीं चाहता.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24