संध्या-बेला सन्देश February 05, 2022 अक्सर सुख ढोल-नगाड़े बजाते हुए आते हैं, जबकि दुख बिना बुलाए ही आते हैं, लेकिन एक समय के बाद सुख-दुख दोनों ही चुपचाप चले जाते हैं, क्योंकि सुख-दुख दोनों ही हमारे-आपके द्वारा किये हुए कर्मों का ही फल होते हैं, किसी अन्य का नहीं.....सुधीर भाटिया फकीर Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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