कलयुग में अधिकांश मनुष्य दुख, चिंता और अशांति में ही अपना जीवन बिता रहे हैं। शास्त्रों में इसका मूल कारण अज्ञानता बताया गया है और अज्ञानता मिटाने का उपाय सत्संग करना है यानी मनुष्य को अपने जीवन में निरन्तर सत्संग करते रहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए इस सत्य को स्वीकार कर लेने में ही समझदारी है.....सुधीर भाटिया फकीर
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