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संध्या-बेला सन्देश

जीवन में निरंतर सत्संग करते रहने का अभ्यास बने रहने से ही मन में सतोगुण की ज्योत जलने लगती है, जिसके फलस्वरूप विषय-भोगों की वासनायें मरने लगती है और परमात्मा से प्रीति होने लगती है.....सुधीर भाटिया फकीर

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