पुरूषार्थ द्वारा अर्जित धन ही सुख-शान्ति प्रदान करता है, जबकि छल-कपट, ठगी, हेरा-फेरी से कमाया गया धन मनुष्य को सदा ही अशान्त बनाये रखता है। इस सत्य को मनुष्य अपने जीवन में जितनी जल्दी स्वीकार कर लेता है, मनुष्य उतने-उतने अंश में सुख-शान्ति प्राप्त करता जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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