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संध्या-बेला सन्देश

अक्सर ऐसा माना जाता है कि समाज में एक साधारण मनुष्य की उम्र बढ़ने के साथ-साथ समझ भी बढ़ने लगती हैं, लेकिन निरंतर सत्संग करने वाले मनुष्यों के जीवन में समय के रहते हुए भी समझ बने रहने की सम्भावनायें सदा अधिक बनी रहती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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