आत्मा का परमात्मा से एक सजातीय संबंध है। प्रत्येक स्थूल शरीर के भीतर परमात्मा आत्मा के सखा/मित्र रुप में रहते हैं। हम चाह कर भी परमात्मा से अपना सम्बन्ध समाप्त नहीं कर सकते, लेकिन उसे भुला सकतें हैं, जो वर्तमान समय में दिख ही रहा है.....सुधीर भाटिया फकीर
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