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ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

एक साधारण मनुष्य अपने स्थूल-शरीर को लोभवश या भयवश जबरदस्ती कहीं भी रोकने को बाध्य करने में सफल हो जाता है, लेकिन मन को नहीं, क्योंकि मन तो अपने बने हुए स्वभाव का गुलाम होता है और अक्सर सत्संग के अभाव में व रजोगुण के प्रभाव से मनुष्य का स्वभाव बिगड़ ही जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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