सभी मनुष्यों के स्थूल-शरीर तामसी ही होते हैं, जबकि मनुष्य स्वभाव से तो राजसी है। इसीलिए हम सभी मनुष्यों को सत्संग करते रहना है, ताकि पहले हम सतोगुण में स्थित हों, फिर आध्यात्मिक यात्रा करते-करते विशुद्ध सतोगुणी परमात्मा को प्राप्त करें, जबकि कुसंग मनुष्य की पीछे की ओर धकेलता है••••सुधीर भाटिया फकीर
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