अधिकांश मनुष्यों को एकांत में बैठने से ही भय लगता है, जबकि एकांत हमें परमात्मा से जोड़ने में सहायक होता है, जबकि संसारी भीड़ में सम्मिलित होने से मनुष्य के जीवन में अक्सर भौतिक विषयों पर ही चर्चा होने से मनुष्य की आध्यात्मिक उन्नति होने की सम्भावनायें धूमिल पड़ने लगती हैं। इसलिए हम सभी मनुष्यों अपने जीवन में एकान्त में रहने का स्वभाव बनाना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर
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