एक साधारण मनुष्य अपने जीवन में सुख, सुविधा, स्वाद, सम्मान, सत्ता यानी 5 "SSSSS" को पाने/संग्रहित करने के चक्कर में सेवा, सत्संग व स्वाध्याय यानी 3 "SSS" जैसे सत्कर्म करने ही भूल जाता है अर्थात् इन सभी सत्कर्मों के अभाव में मनुष्य का कुसंग सहज ही होने से मनुष्य की अधोगति होने की संभावनाएं भी बढ़ने लगती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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