सभी मनुष्यों की भौतिक-यात्रा माता के गर्भ में आने के साथ ही आरम्भ हो जाती है, लेकिन आध्यात्मिक-यात्रा केवल उसी दिन ही आरंभ होती है, जब मनुष्य अपने जीवन की दिनचर्या में निरंतर सात्विकता बनाये रखने के लिये मन से प्रयत्नशील बना रहता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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