दुनिया में अधिकांश लोगों की प्रकृति के पदार्थों को अधिक से अधिक भोगने की इच्छा बनी ही रहती है, जबकि प्रकृति के 3 गुणों के सूक्ष्म-ज्ञान को समझते नहीं और दूसरी ओर लोगों में परमात्मा के बारे में अधिक जानने की कोई जिज्ञासा नहीं होती। इसीलिए अघिकतर लोगों की आध्यात्मिक उन्नति हो नहीं पाती.....सुधीर भाटिया फकीर
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