Skip to main content

ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

एक साधारण मनुष्य की विषय-भोगों में रस-बुद्धि बनी ही रहती है, फिर निरंतर विषय-भोगों को भोगने से मनुष्य में प्रमाद, आलस्य, मोह की वृतियों का पनपना कोई नई बात नहीं, इन स्थितियों के बने रहने से ही मनुष्य तमोगुण में गिरता है, फिर यह तमोगुण ही मनुष्य को सत्संग करने से रोकता है....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24