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संध्या-बेला सन्देश

केवल भगवान ही पूर्ण सत्ता है यानी आनन्दस्वरूप हैं, जबकि सँसार को सदा ही अपूर्णता/अभावों/दुखों की दलदल से जोड़ा जाता है। हम सभी मनुष्यों को अभावों की दलदल से निकलकर ही प्रभु को पाकर पूर्णता यानी आनन्द की प्राप्ति हो सकेगी.....सुधीर भाटिया फकीर

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