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ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

हम सभी मनुष्यों को अपने मिले हुए जीवन में शास्त्रविहित धार्मिक कर्मकांड श्रद्धापूर्वक करते रहना चाहिए, इन कर्मकांडों को अपने आचरण में लाने मात्र से ही मनुष्य का क्रमिक विकास सहज ही होने लगता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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