Skip to main content

ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

सभी संसारी मनुष्य आज नहीं तो कल, इस बात को स्वीकार कर ही लेते हैं, कि संसार के विषय-भोगों को चखना तो बहुत आसान है, जबकि इनसे छूट पाना बहुत ही कठिन है, लेकिन फिर भी निरंतर सत्संग करते रहने से इन विषय-भोगों से क्रमश: वैराग्य होना संभव होने लगता है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24