कलयुग में मनुष्य के जीवन में जैसे-जैसे सुख-सुविधा के साधनों में वृद्घि होती जा रही है, वैसे-वैसे ही मनुष्य के जीवन में प्रमाद व आलस्य आने से कई प्रकार की नई-नई समस्याएँ भी जन्म लेती जा रही हैं, जिनके फलस्वरूप मनुष्य के जीवन में दुख, क्लेश, अशान्ति बनी रहती है.....सुधीर भाटिया फकीर
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