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संध्या-बेला सन्देश

मनुष्य योनि कर्म व साधना योनि है, जबकि एक साधारण मनुष्य अपने जन्म को बहुत ही हल्के में या मजाक में ही लेता है यानी मनुष्य योनि के महत्व को ही समझ नहीं पाता, इसीलिए तो मिले हुए मनुष्य जीवन के अवसर को यूँ ही हाथ से गँवा देता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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