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ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

जीवन की एक सच्चाई है कि धन के जाने पर सत्संग में भी मन अपने आप ही लगने लगता है, जबकि धन अधिक आने पर सत्संग में भी मन उखड़ा-उखड़ा ही रहता है, फिर भी मनुष्य के मन के भीतर धन की चाह बनी रहती है ?.....सुधीर भाटिया फकीर

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