भले ही सभी आत्माएं ज्ञानवान ही होती हैं, लेकिन मनुष्य द्वारा होने वाले पाप-कर्मों से आत्मा का ज्ञान आवर्त होने से जीव क्रमश: अचेत होता जाता है, फलस्वरूप उसे दुखों का बोध नहीं होता, जैसे सभी पेड़-पौधे लगभग पूर्ण रूप से अचेत हैं, इसलिए उन्हें कटने पर भी पीड़ा का एहसास नहीं होता.....सुधीर भाटिया फकीर
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