Skip to main content

ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

सभी मनुष्य ही नहीं, अपितु सभी जीवात्मायें स्वाभाविक ही अनादिकाल से सदा ही दुखरहित स्थिति/परम सुख/आनंद की तलाश के लिए ही प्रयत्नशील रहती हैं, जबकि यह आनंद केवल और केवल परमात्मा को पाने से ही मिल सकेगा, अन्यथा नहीं, क्योंकि परमात्मा ही एकमात्र आनन्दस्वरुप सत्ता हैं, जिसको एक रजोगुणी संसारी मनुष्य मन से स्वीकार नहीं करता.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24