आध्यात्मिक ज्ञान ही नित्य कहलाता है, जो कभी पुराना नहीं होता। जबकि भौतिक-ज्ञान कभी नया नहीं रहता, क्योंकि नित्य नये-नये आविष्कार उस ज्ञान को पुराना कर देते हैं। हम सभी आत्मायें ज्ञानवान होने के बावजूद भी विषय-भोगों में आसक्त हो कर अज्ञानता में आ चुके हैं.....सुघीर भाटिया फकीर
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