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संध्या-बेला सन्देश

सत्संग के अभाव में व संसारी मेलों की चकाचौंध के प्रभाव में अक्सर एक सामान्य मनुष्य विषय-भोगों में ही लिप्त रहता है और इन भोगों में आसक्त होते हुए कब परमात्मा को भूल जाता है यानी जीवन के मूल लक्ष्य को हाथ से ही गवाँ देता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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