संध्या-बेला सन्देश June 01, 2022 प्रभु की स्मृति/याद निरन्तर बने रहने मात्र से ही हमारे जीवन में उमंग-उल्लास बनी रहती है, फलस्वरूप होने वाले कर्मों में निष्कामता के भाव रहते हैं, ऐसी स्थिति में मनुष्य से पाप-कर्म होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता.....सुधीर भाटिया फकीर Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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