कर्मयोनि होने के कारण हम सभी मनुष्यों की एक विशेष जिम्मेदारी है। यदि मनुष्य अपने जीवन में अपने धर्म/कर्तव्य का पालन ईमानदारी से कर लेता है, तब ऐसी स्थिति में प्रकृति के अन्य मनुष्यों व प्रकृति के शेष सभी जीवों का भी कल्याण होते हुए हमारा स्वयं का जीवन भी सार्थक हो जाता है।
सुधीर भाटिया फकीर
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