Skip to main content

"ब्रह्ममुहूर्त-उपदेश"

भगवान की सत्ता यानी शक्ति सर्वव्यापक है, अर्थात् हमें उसे कहीं ढूंढना नहीं है, हमें अपनी एकाग्रता से निरंतर अपनी सात्विक स्थिति बनाते हुए अपनी पात्रता बनानी है और पात्रता बन जाने पर परमात्मा स्वयं ही अपना बोध करवा देते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24