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"ब्रह्ममुहूर्त-उपदेश"

भगवान, आत्मा, प्रकृति/माया यानी 3 गुणों का और हमारे 3 शरीरों का यथार्थ ज्ञान-विज्ञान समझ लेना ही आत्मा की मूल स्थिति में लौट आना है, जिसके फलस्वरूप आत्मा सहज ही संसारी आकर्षणों से ज्ञानपूर्वक वैराग्य कर परमात्मा से प्रेम करने लगती है।

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