"संध्या-बेला सन्देश"
मन के 5 विकार काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार ही मनुष्य को देर-सबेर पाप-कर्मों में लगा ही देते हैं। मन के इन विकारों पर नियंत्रण पाने के लिए निरन्तर सत्संग करते रहने के अलावा मनुष्य के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसे आज ही स्वीकार कर लेना चाहिए।
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