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"संध्या-बेला सन्देश"

सर्वप्रथम मनुष्य को अपने जीवन की दिनचर्या को अनुशासित व व्यवस्थित रखना चाहिए, ऐसा करने मात्र से जीवन में सात्विकता आने लगती है, जिसके फलस्वरूप श्रद्धापूर्वक सत्संग होता है, जो हमारी आध्यात्मिक यात्रा में गति ले आता है।

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