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"संध्या-बेला सन्देश"

यह सारा संसार लेना-देना पर ही टिका है, आध्यात्मिक उन्नति करने के लिए सर्वप्रथम मनुष्य को अपने जीवन में दूसरों को देने का ही अपना स्वभाव बनाना होगा, क्योंकि लेने का स्वभाव कभी भी संसार छोड़ने नहीं देता।

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