"संध्या-बेला सन्देश"
मनुष्य योनि में ही कर्म करने का लाइसेंस मिलता है, जैसे सँसार में आत्मरक्षा के लिये पिस्तौल रखने का लाईसेंस मिलता है। जब संसार में पिस्तौल के दुरुपयोग होने पर लाईसेंस रद्द होने के साथ दण्ड भी मिलता है, तब ऐसी स्थिति में मनुष्य द्वारा पाप-कर्म होने से भी पुन: मनुष्य योनि रद्द व नीचे की योनियों में दण्ड भी भोगना पड़ता है।
सुधीर भाटिया फकीर
www.sudhirbhatiafakir.com
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