मनुष्य योनि पाकर हमें परमात्मा द्वारा आध्यात्मिक यात्रा करने का एक अवसर मिलता है यानी मनुष्य मरते दम तक जितनी भी आध्यात्मिक उन्नति कर लेता है, यह अगले मनुष्य योनि तक सुरक्षित बनी रहती है, जबकि भौतिक उन्नति स्थूल-शरीर के मरने के साथ ही समाप्त हो जाती है।
सुधीर भाटिया फकीर
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