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"ब्रह्ममुहूर्त-उपदेश"

हम सभी मनुष्यों को 5 रजोगुणी विषय-भोगों को केवल स्थूल-शरीर की आवश्यकतानुसार ही लेना चाहिए, अन्यथा विषय-भोगों में गहरे तल पर उतरने/भोगने से सतोगुण का पकड़ा हुआ हाथ कब छूट जाता है यानी परमात्मा की याद समाप्त होते ही तमोगुण हमें अपनी पकड़ में जकड़ लेता है, हमें स्वयं को भी पता नहीं चलता।

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