"सन्ध्या-बेला सन्देश" June 19, 2022 मनुष्य जन्म के साथ ही अपने कारण-शरीर में पूर्व की मनुष्य योनि में मरते समय प्रकृति के गुणों का संग्रहित अनुपात यानी स्वभाव लेकर आता है, जो पुनः वर्तमान जीवन में + - यानी सत्संग करने से + व कुसंग होने से - की स्थिति बनते भी देर नहीं लगती। Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024 September 20, 2024 Read more
वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24 September 22, 2024 Read more
आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24 October 23, 2024 Read more
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