हमारा अगला पांव तभी आगे रखा जाता है, जब आगे खाली (निश्चय) स्थान हो। इसी प्रकार एक सामान्य परिस्तिथियों में अगला नया शरीर/नया जन्म निश्चित हो जाने पर ही पुराना शरीर छूट (मर) जाता है, भले ही योनि विशेष का निर्धारण कर्म + संस्कार के आधार पर ही होता है
सुधीर भाटिया फकीर
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