Skip to main content

"ब्रह्ममुहूर्त-उपदेश"

सभी संसारी विषय-भोग आरम्भिक स्थितियों में भले ही सुखों का स्वाद देते हैं, लेकिन भविष्य में यही भोगे गये सुख ही दुखों के बीज डाल देते हैं, जिनमें अंकुरण होने पर प्रतिकूल परिस्थितियाँ ही हमें दुख रूपी ताप से पीड़ित करती हैं।

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24