"ब्रह्ममुहूर्त उपदेश"
कलयुग में एक साधारण मनुष्य सत्संग के अभाव में बार-बार पाप-कर्म करता ही रहता है, जबकि परमात्मा दयावश इन पाप-कर्मों से मिलने वाले दुखों को सहने की शक्ति भी देते हैं और इन दुखों से बाहर निकलने का अवसर भी देते रहते हैं, लेकिन मनुष्य इन मिले हुए अवसरों का लाभ नहीं उठाता।
सुधीर भाटिया फकीर
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