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"संध्या-बेला सन्देश"

अपने बड़े भविष्य को सुन्दर बनाने के लिये सर्वप्रथम मनुष्य को अपनी दिनचर्या सात्विक बनानी ही होगी यानी प्रतिदिन ब्रह्ममुहुर्त में परमात्मा, आत्मा व प्रकृति सम्बंधित विषयों पर चिंतन करना चाहिए, तभी संसारी विषय-भोगों से ज्ञानपूर्वक वैराग्य जागेगा।

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