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"ब्रह्ममुहूर्त-उपदेश"

परमात्मा तो हम सभी मनुष्यों को सदा ही धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा/शिक्षा देते रहते हैं, लेकिन एक साधारण मनुष्य उस ज्ञान को मात्र सुनने तक ही सीमित रखता है, उसे अपने जीवन के व्यवहार में नहीं लाता। फलस्वरूप मनुष्य के कर्मों में सुधार नहीं आ पाता।

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