"संध्या-बेला सन्देश"
प्रकृति के 3 गुण सतोगुण, रजोगुण व तमोगुण प्रतिदिन ही एक क्रम में आते हैं। सतोगुण में भगवान का चिंतन करना अन्य गुणों की तुलना में अधिक आसान होता है, लेकिन अधिकांश मनुष्य अक्सर उस समय विशेष में राजसी/तामसी नींद का सुख भोगते हैं। फलस्वरूप मनुष्यों की दिनचर्या में भी रजोगुण व तमोगुण की ही प्रधानता दिखाई देती है।
सूचना:
कल शाम 6 बजे " संध्या-बेला सन्देश " एक वीडियो (1-2 मिनट की) के रूप में कुछ नये सामाजिक, आर्थिक व अन्य व्यवहारिक विषयों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जायेगा।
आपका आध्यात्मिक मित्र
सुधीर भाटिया फकीर
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