"संध्या-बेला सन्देश" July 07, 2022 कलयुग में एक साधारण मनुष्य का सारा जीवन अपने मन में बने हुए लक्ष्य के इर्द-गिर्द ही घूमता रहता है, अब यदि मनुष्य का लक्ष्य ही धन कमाना बन गया है, तो ऐसी स्थिति में धर्म पीछे छूट ही जाता है। Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024 September 20, 2024 Read more
वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24 September 22, 2024 Read more
आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24 October 23, 2024 Read more
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