Skip to main content

"संध्या-बेला सन्देश"

संसार से अलग हटकर ही परमात्मा को जाना जा सकता है, लेकिन मनुष्य संसार का मोह कभी नहीं छोड़ता और संसार में रहते हुए ही परमात्मा को जानने का प्रयास करता है, इसीलिए सफल नहीं हो पाता।

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24